आनन्द पूर्णिमा , 26 मई 2021, के दिन हम लोगों ने इस आनन्द वर्ष (मई 2021- मई 22) के अन्त तक Proutist Universal की तरफ से भारत वर्ष में 100 छात्र सद्विप्र, 100 युवक सद्विप्र, 100 बुद्धिजीवी सद्विप्र तथा 100 महिला सद्विप्र प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। जिसे मूर्त रूप देने हेतु हम निम्नलिखित कार्यक्रमो की घोषणा करते हैं।
इस पुनीत अभियान में आप सबों का हार्दिक स्वागत है।
ध्यान दें :-
कोई भी समाज पाँच तरह के नागरिकों से बना होता है। कुछ तो विद्यार्थी होते हैं, कुछ युवा, कुछ बुद्धीजीवी, कुछ कृषक तथा कुछ श्रमिक। समाज का हर व्यक्ति इन पाँच में से कोई एक अवश्य होता है; या तो वह विद्यार्थी होता है, अथवा युवा, अथवा बुद्धिजीवी अथवा कृषक अथवा श्रमिक।
हम सबों का जीवन विद्यार्थी के रूप में आरम्भ होता है। शिक्षा से बाहर निकलते ही व्यक्ति समाज का युवक बन जाता है। इस अवस्था में वह किसी भी प्रकार से सेवारत हो भी सकता है अथवा नहीं भी। किन्तु, 40 वर्ष की आयु तक वह युवक माना जाता है। इस समय तक समाज में प्रत्येक व्यक्ति की एक पहचान बन जाती है। या तो वह युवक एक बुद्धीजीवी अथवा एक श्रमिक के रूप में परिचित जाता है।
भारत वर्ष में क्लास 1 एवम 2 के स्तर पर सरकारी सेवारत नागरिक अथवा उसके समकक्ष योग्यता वाले नागरिक अक्सर बुद्धीजीवी पाए जाते हैं। उसी प्रकार क्लास 3 तथा 4 के स्तर के लोग श्रमिक की श्रेणी में आते है। एवम, कृषि में कार्यरत लोग कृषक होते हैं ।
प्रउत विचार धारा को मूर्त रूप देने के लिए सर्व प्रथम आवश्यक है कि समाज के ये सभी प्रकार के नागरिक प्रउत को जानें व उन्हें इसके प्रति जागरूक व शिक्षित किया जाय । अतएव समाज के इन पांचों अनुभागों के नागरिकों के बीच समुचित कार्यक्रमों द्वारा सदविप्र नेतृत्त्व के उदय हेतु उनमें आदर्श, रचनात्मक, सामूहिक मानसिकता का संचार करना अत्यावश्यक है।
इसी क्रम में हम लोग सद्विप्र की दृष्टि से प्रउत आदर्शों का अध्ययन e-classes के माध्यम से 12 जून 2021 से हर शनिवार और रविवार को करने जा रहे हैं । इस कार्यक्रम का लक्ष्य है समाज के (ऊपर वर्णित ) पांचों अनुभागों के बीच प्रउत कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार व अध्ययन द्वारा सद्विप्र चरित्र निर्माण।
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